हिन्दी साहित्य का इतिहास लेखन परंपरा हिंदी में साहित्य का इतिहास लेखन की परम्परा की शुरुआत 19 वीं शताब्दी से ही मानी जाती है , लेकिन कुछ पूर्ववर्ती रचनाएं मिलती हैं जो कालक्रम व विषय - वस्तु का विवेचन न होने के कारण इतिहास ग्रन्थ तो नहीं लेकिन उनमें रचनाकारों का विवरण है । इन्हें वृत्त संग्रह कहा जा सकता है । इनमें प्रमुख हैं – 1. चौरासी वैष्णव की वार्ता ( गोकुलनाथ ) 2. दो सौ बावन वैष्णव की वार्ता 3. भक्त नामावली ( ध्रुवदास ) 4. भक्तमाल ( नाभादास ) 5. कालिदास हजारा ( कालिदास त्रिवेदी ) इतिहास लेखन संबंधी पहली शुरुआत तासी के ग्रन्थ से हुई जिसमें ग्रियर्सन , आचार्य शुक्ल आदि ने कई महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए इसे सही दिशा दी । ...
हिन्दी भाषा और साहित्य के सबंध में सामान्य तथा प्रतियोगी परिक्षा हेतु जानकारी देने का मुक्त और मुफ्त प्रयास
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